305 Part
75 times read
0 Liked
जब कुछ नहीं समझूँगा तो फिर मुझसे यह सब कहती ही क्यों हो?” “बिना कहे रहा भी नहीं जाता जी। प्रेम की वास्तविकता को लेकर मर्दों का दल जब अपनी बड़ाई ...